Saroj Singh, Yogesh Gupta
मछलीशह/जौनपुर। पहले पत्नी को भी एड्स रोग दे दिया फिर दहेज की मांग करते हुए प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया। पीड़िता का मायका मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र में है। उसकी तहरीर पर गत दो जुलाई को दर्ज की गई एफआइआर की प्रति पुलिस ने दीवानी न्यायालय में संबंधित कोर्ट में प्रस्तुत की है। विवाहिता ने सिकरारा थाना क्षेत्र निवासी पति, सास व ससुर के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर के मुताबिक उसकी शादी 12 जून 2011 को हुई थी। 12 मई 2014 को गौना गया। ससुराल में कदम रखते ही दहेज में पांच लाख रुपये व कार की मांग करते हुए ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करने लगे। ससुरालीजन के साथ वह भी मुंबई चली गई। वहां पति शराब पीकर दहेज की मांग को लेकर आए दिन मारता पीटता था। महाराष्ट्र पुलिस को सूचना दी तो समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। इसी बीच उसे पता चला कि उसके पति व ससुर एचआइवी संक्रमित हैं। भाभा हॉस्पिटल में चल रहा है। वह भी बीमार हो गई। जांच कराने पर पता चला कि वह भी एचआइवी संक्रमित हो गई है। ससुराल वाले उसे मुंबई से लाकर मछलीशहर बस स्टॉप पर छोड़कर चले गए। कहे अब जब मांग पूरी होगी तभी ले जाएंगे। वादिनी का इलाज चल रहा है। उसका जीवन बर्बाद हो गया है। इलाज के वास्ते पैसों के लिए वह दर-दर भटक रही है।
मछलीशह/जौनपुर। पहले पत्नी को भी एड्स रोग दे दिया फिर दहेज की मांग करते हुए प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया। पीड़िता का मायका मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र में है। उसकी तहरीर पर गत दो जुलाई को दर्ज की गई एफआइआर की प्रति पुलिस ने दीवानी न्यायालय में संबंधित कोर्ट में प्रस्तुत की है। विवाहिता ने सिकरारा थाना क्षेत्र निवासी पति, सास व ससुर के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर के मुताबिक उसकी शादी 12 जून 2011 को हुई थी। 12 मई 2014 को गौना गया। ससुराल में कदम रखते ही दहेज में पांच लाख रुपये व कार की मांग करते हुए ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करने लगे। ससुरालीजन के साथ वह भी मुंबई चली गई। वहां पति शराब पीकर दहेज की मांग को लेकर आए दिन मारता पीटता था। महाराष्ट्र पुलिस को सूचना दी तो समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। इसी बीच उसे पता चला कि उसके पति व ससुर एचआइवी संक्रमित हैं। भाभा हॉस्पिटल में चल रहा है। वह भी बीमार हो गई। जांच कराने पर पता चला कि वह भी एचआइवी संक्रमित हो गई है। ससुराल वाले उसे मुंबई से लाकर मछलीशहर बस स्टॉप पर छोड़कर चले गए। कहे अब जब मांग पूरी होगी तभी ले जाएंगे। वादिनी का इलाज चल रहा है। उसका जीवन बर्बाद हो गया है। इलाज के वास्ते पैसों के लिए वह दर-दर भटक रही है।