जौनपुर। जिलें के विभिन्न शिव मन्दिरों में सावन माह के पहले दिन शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मन्दिर में सुबह व शाम के समय भक्तों की कतार लगी रही है। लोगों द्वारा शिव की आराधना अलग- अलग तरीकों से की जा रही है।
कोई बेल पत्र तो कोई भंाग आदि चढ़ाकर भोले नाथ की पूजा कर रहा है। दूध भी शिवलिंगों पर चढ़ाया जा रहा है। कहा जाता है कि भगवान शिव की आराधना कोई सच्चे मन से करता है तो उसकी मनोकामना पूरी होती है। श्रावण मास शिव का प्रिय मास होने से शिव पूजा, भक्ति, जप , तप के लिए सर्वश्रेष्ठ मास है। भगवान शिव ही प्रलय के देवता कहे जाते हैं और आशुतोष भी कहलाते हैं। इन्हे शीघ्रता और सरलता से संतुष्ट किया जा सकता है। भगवान शिव का बाहरी प्रपन्च और आडम्बर पसन्द नहीं है। कोई उन्हे कैसे पसन्द करता है, यह वे नहीं देखते प्रार्थनपा करने वाले को अपना हित व अहित स्वंय समझाना चाहिए। पूरा जनपद सावन के महीने में भोले बाबा के जयकारे से गूंज रहा है। कांवर लेकर जाने वाले भक्तों का तांता लगा हुआ है। भक्तों की टोलियां कन्धे पर कांवर लिये बाबा के भजनों पर झूमते हुए शिव मन्दिरों में पहुंच रहे है। पुलिस प्रशासन भी कांवरियों के साथ अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयारी किये हुए है।