प्रतापगढ़। मंदिर में मूर्ति की स्थापना कर 'कोरोना माई की पूजा भी शुरू कर दी। मामले के तूल पकडऩे जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने शुक्रवार देर रात कोरोना माई के मंदिर को ढहा दिया।
प्रतापगढ़ जिले में सांगीपुर बाजार से दो किलोमीटर दूर दीवानगंज रोड पर जूही शुकुलपुर गांव में बने कोरोना माई मंदिर को पुलिस ने शुक्रवार रात ढहा दिया। सांगीपुर पुलिस देर रात यहां पहुंची थी। इसके बाद तोड़ी गई मूर्ति का अवशेष ट्रैक्टर ट्राली में रखकर बाहर कर दिया। मंदिर में मूर्ति स्थापना कराने वाले लोकेश श्रीवास्तव के बड़े भाई नागेश कुमार श्रीवास्तव को हिरासत में ले लिया गया है। अब परिवार वाले पुलिस पर दबंगई का आरोप लगा रहे हैं। प्रतापगढ़ का यह मंदिर इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो भीड़ बढऩे लगी। यहां पर सात जून को गांव की ही दीपमाला श्रीवास्तव ने नीम के पेड़ तले मंदिर की स्थापना कराई थी। सांगीपुर थाना इलाके के जूही शुकुलपुर में चार दिन पहले कुछ लोगों ने कोरोना माता का मंदिर बनवाया था। जहां लोग अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए पूजा अर्चना करने लगे थे। मंदिर में कोरोना देवी की छवि को प्रतिमा के रूप में साकार किया गया था। इसके बाद यहां पूजा-पाठ शुरू हो गया था। ग्रामीणों के अनुसार यहां कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग पॉजिटिव हो गए थे। इलाज के बाद वो सभी ठीक हो गए थे। ऐसे में ग्रामीणों ने पूजा-पाठ का सहारा लिया। लोगों ने गांव में एक नीम के पेड़ के नीचे कोरोना माता की मूर्ति स्थापित की और सुबह-शाम आरती करने लगे थे।
प्रतापगढ़ जिले में सांगीपुर बाजार से दो किलोमीटर दूर दीवानगंज रोड पर जूही शुकुलपुर गांव में बने कोरोना माई मंदिर को पुलिस ने शुक्रवार रात ढहा दिया। सांगीपुर पुलिस देर रात यहां पहुंची थी। इसके बाद तोड़ी गई मूर्ति का अवशेष ट्रैक्टर ट्राली में रखकर बाहर कर दिया। मंदिर में मूर्ति स्थापना कराने वाले लोकेश श्रीवास्तव के बड़े भाई नागेश कुमार श्रीवास्तव को हिरासत में ले लिया गया है। अब परिवार वाले पुलिस पर दबंगई का आरोप लगा रहे हैं। प्रतापगढ़ का यह मंदिर इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो भीड़ बढऩे लगी। यहां पर सात जून को गांव की ही दीपमाला श्रीवास्तव ने नीम के पेड़ तले मंदिर की स्थापना कराई थी। सांगीपुर थाना इलाके के जूही शुकुलपुर में चार दिन पहले कुछ लोगों ने कोरोना माता का मंदिर बनवाया था। जहां लोग अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए पूजा अर्चना करने लगे थे। मंदिर में कोरोना देवी की छवि को प्रतिमा के रूप में साकार किया गया था। इसके बाद यहां पूजा-पाठ शुरू हो गया था। ग्रामीणों के अनुसार यहां कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग पॉजिटिव हो गए थे। इलाज के बाद वो सभी ठीक हो गए थे। ऐसे में ग्रामीणों ने पूजा-पाठ का सहारा लिया। लोगों ने गांव में एक नीम के पेड़ के नीचे कोरोना माता की मूर्ति स्थापित की और सुबह-शाम आरती करने लगे थे।