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इस साल 2021 में लगेंगे 4 ग्रहण, पहला 26 मई को

HEMANT MOURIYA, VISHAL SAHANI, ANKUSH, SAROJ SINGH, SUBHAM SETH 
लखनऊ । कोरोना संक्रमण के दौर में हर कोई परेशान है. सभी प्रभु से इसे दूर करने की प्रार्थना कर रहे हैं। इसी बीच साल में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगने से लोगों में इस प्रभाव को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. ग्रहण काल का असर देश में न होने के बावजूद राशियों पर प्रभाव की बात कही जा रही है. विज्ञान से इतर ज्योतिष विज्ञान की बात करें तो लोगों को सावधान रहकर ग्रहण काल की व्याधियों को दूर करने का उपाय करना चाहिए। विज्ञान इसे खगोलीय घटना बता रहा है लेकिन ज्योतिष के जानकार दिखाई न होने की दशा में सूतक काल न होने की बात कह रहे हें वहीं राशियों प्रभाव पड़ने और उपाय के बारे में बता रहे हैं। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि बैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 26 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण से ग्रहण की शुरुआत होगी। उपछाया की वजह से सूतक का मान नहीं होगा। दोपहर 2:18 बजे से शुरू होकर पांच घंटे बाद शाम 7:19 बजे समाप्त होगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण केवल पश्चिम बंगाल, बंगाल की खाड़ी और उत्तरपूर्व के कुछ हिस्सों से ही छाया के रूप में नजर आएगा। इसे खग्रास चंद्र ग्रहण भी कहते हैं। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि उप छाया चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है. ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि को मानसिक तनाव, भ्रम और अज्ञात भय हो सकता है. आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि विज्ञान से दूर ज्योतिष में ग्रहण काल, समय और लक्षत्र की गणना की जाती है जो विज्ञान से कम नहीं है। इन ग्रहणों में नियम पालन की बाध्यता नहीं है लेकिन उपाय करने में कोई गुरेज भी नहीं है। जो जातक करना चाहे वह कर सकते हैं। ब्रहमांड तो एक ही है।