अपने की मौत के बाद भी प्रियजनों की समस्याएं कम नहीं
नन्दलाल जायसवाल, सरोज सिंह, अंकुश उपाध्याय, विशाल साहनी, अर्जुन की रिपोर्टिंग
लखनऊ/कानपुर। कोरोना संक्रमण काल में अब किसी अपने की मौत के बाद भी प्रियजनों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। घर में कर्मकांड और शांति पाठ के लिए पंडित आने से मना कर रहे हैं या फिर मुंह मांगी दक्षिणा मांग रहे हैं। इस समस्या से तकरीबन हर वो परिवार रू-ब-रू हो रहा है, जिसका कोई अपना कोरोना के कारण दुनिया छोड़ गया है। ऐसे में कानपुर की एक संस्था ने समाधान निकाला है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। कानपुर शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है और मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ा है। शहर में बीते एक माह में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 18332 हो गई है, वहीं करीब रोजाना औसतन दस से पंद्रह लोग दम तोड़ रहे हैं। सोमवार को जहां 18 लोगों की मौत हुई, वहीं अबतक कुल 1103 लोगों की मौत हुई है। कोरोना का कहर देखते हुए शहर में दूसरी वजह या बीमारी से भी मरने वालों के घरों में अब कर्मकांड और शांति पाठ कराने की समस्या बन आई है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि व्यक्ति के मरणोपरांत तेरह दिन तक सभी कर्मकांड बेटा या परिवार के लोग संपन्न कराते हैं। घर में तेरह दिन तक पंडित द्वारा गरुण पुराण का पाठ कराया जाता है। इसके अलावा घर में शुद्धता के लिए नौबार, एकादश और तेरहवीं पर शांति पाठ कराने की परंपरा है। मौजूदा समय में आलम यह है कि पंडित अब घरों में जाने से इन्कार करने लगे हैं। कोरोना से मौत होने वाले घर पर तो जाने से ही मना कर रहे हैं, दूसरे घरों में मुंह मांगी दक्षिणा मिलने पर ही जा रहे हैं। कानपुर शहर में पहले किसी अपने को कोराना पीड़ित हो जाने पर इलाज के लिए परेशान और मौत के बाद भी समस्या कम नहीं हुई तो ऐसे परिवार को युग दधीचि अभियान ने समाधान दिया है। कोविड में जान गंवा चुके अपनों की आत्मा की शांति के लिए परेशान लोगों के लिए युग दधीचि देहदान अभियान के तहत बुधवार से निश्शुल्क ऑनलाइन शांति यज्ञ का आयोजन करने का फैसला लिया है। कोविड के चलते घरों में पंडितों के न जाने पर अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने निश्शुल्क लोगों की मदद करने की मंशा से यह पहल की है। मनोज सेंगर ने बताया कि ऑनलाइन शांतियज्ञ अभियान बुधवार से शुरू हो रहा है। इसमें शामिल होने के लिए 9839161790 नंबर पर संपर्क करके पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। जूम एप और वाट्सएप कालिंग के जरिए शांति यज्ञ में शामिल होकर विधिवत रूप से कर्म कर सकते हैं। इसमें मंत्रोच्चारण के बीच 40 मिनट तक जरूरी सभी क्रियाएं कराई जाएंगी और वह व्यक्ति पहले से सामग्री तैयारी के साथ घर पर रहकर बताए अनुसार सभी कर्मकांड कर सकेगा। पूर्णरूप से निश्शुल्क होने वाले शांतियज्ञ अभियान के तकनीकी संयोजन सक्षम सेंगर द्वारा किया जाएगा।