
सरोज सिंह व कुंदन कुमार की रिपोर्ट
जौनपुर। ऐतिहासिक शाही किले में नियमित टहलने वालों को पास बनवाने के लिए अब पुलिस से सत्यापन भी कराना होगा।
पुलिस सत्यापन के बाद ही उन्हें तीन महीने के लिए पास जारी किया जाएगा। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सारनाथ के अधीक्षण पुरातत्व विद् ने पुरतत्व वभाग के स्थल प्रभारी को पत्र भेजा है। जिसमें शाही किले में नियमित आने वाले लोगों के लिए पास जारी करने से पहेल कई निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।

मार्निंग वाक के लिए सुबह छह बजे होगा प्रवेश
शाही किले में प्रात: कालीन भ्रमण कर्ताओं के लिए भ्रमण का समय सुबह 6 बजे से 7:30 बजे तक होगा। पास धारक सिर्फ डेढ़ घंटे का समय शाही किले में बिता सकेंगे। गेट पर ही उनके प्रवेश का समय दर्ज कर दिया जाएगा। शाही किले के अंदर अगर डेढ़ घंटे से अधिक समय तक पाया गया तो यह नियमों का उलंघन माना जाएगा। लगातार तीनबार नियमों का उलंघन करने पर उनका पास निरस्त कर दिया जाएगा।
फिरोज शाह ने बनवाया था शाही किला
जौनपुर। शाही किला गोमती के बाएं किनारे पर शहर के मध्य में स्थित है। शाही किला का निर्माण फिरोज शाह ने 1362 ई. में बनवाया था। इस किले के भीतरी गेट की ऊचाई 26.5 फुट और चौड़ाई 16 फुट है। केंद्रीय फाटक 36 फुट उचा है। इसके एक शीर्ष पर वहाँ एक विशाल गुंबद है। यह आलीशान इमारत अपने प्राचीन वैभव की कहानी बयान करती है।
स्मारक की सुरक्षा के लिहाज से पास के लिए पुलिस द्वारा सत्यापन कराने की व्यवस्था लागू की गई है। बिना पुलिस के सत्यापन के कोई भी पास के लिए अब आवेदन नहीं कर सकेगा।
एन सिन्हा
अधीक्षण अभियंता भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सारनाथ