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अब नमक भी नहीं रहा है शुद्ध

तीन ब्रांडों की सैंपलिंग रिपोर्ट में मिले मिट्टी के भूरे-काले कण
वाराणसी । खाने का जायका बनाने वाला नमक भी शुद्ध नहीं रह गया है। हाल ही में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने शहर के तीन ब्रांडों के नमक की सैंपलिंग की थी।
इसकी रिपोर्ट में मिट्टी के भूरे-काले कण मिलने की पुष्टि हुई है। इसके आधार पर कंपनियों को
नोटिस भेजकर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है।
इसके अलावा, अन्य ब्रांडों के नमक की सैंपलिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा के अधिकारियों ने मयूर, आकृति और हाटलिव ब्रांड के नमक की सैंपलिंग की थी। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया था। वहां से जो रिपोर्ट आई है और उसमें भूरे-काले कण मिले हैं। इसके आधार पर कंपनियों से उनका जवाब मांगा गया है। साथ ही, नोटिस भेजकर जुर्माना भरने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि नमक के गोदाम को पूरी तरह साफ-सुथरा रखा जाए। ताकि शुद्ध नमक लोगों तक पहुंच सके।
क्या हो सकता है नुकसान
नमक में रेत की मिलावट मूत्राशय में पथरी का कारण बन सकता है। मिट्टी और रेत पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या करें
नमक घर लाने के बाद पहले उसकी पहचान करें और मिलावट होने पर तत्काल खाद्य संरक्षा एवं सुरक्षा विभाग के पास शिकायत दर्ज कराएं। थाने में भी इसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
कैसे करें पड़ताल
थोड़ा सा नमक लें। इसे पारदर्शी शीशे के गिलास अथवा परखनली में डालें और उसमें थोड़ा सा पानी मिला दें, हिलाएं। कुछ ही क्षण में नमक का अंश पानी में घुल जाएगा। जबकि रेत, मिट्टी या मिलावटी कण तली में बैठ जाएगा।
नमक का मानक
खाने वाले सामान्य नमक में 99 फीसद सोडियम क्लोराइड होता है। इसमें सामान्य तौर पर नमी एक प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। नमक में 15 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) आयोडीन होना चाहिए। होल सेलर के लिए 30 पीपीएम आयोडीन रखा गया है।
इसे भी याद रखें
ब्रांडेड नमक में भी मिलावट हो सकती है, क्योंकि बड़ी-बड़ी कंपनी के नाम पर जहां नकली लोगों द्वारा बाजार में सामान उतारे जा रहे हैं, वहीं कंपनियां दूसरे छोटे-छोटे समूह से तैयार माल लेकर अपनी मुहर लगाकर भी मार्केटिंग कर रही हैं। ऐसे सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है।
अब आनंदा दूध का नमूना हुआ फेल
रामपुर। मदर डेयरी के बाद अब बुलंदशहर की आनंदा कंपनी का पैक्ड दूध का नमूना फेल हो गया है। दूध में वसा की मात्रा कम पाई गई है। यूपी की लेबोरेट्री में नमूना फेल होने के बाद असंतुष्ट कंपनी ने कोलकाता लेबोरेट्री में नमूना जांच के लिए भेजा था। वहां भी इस दूध का नमूना फेल हो गया है। नमूना फेल होने के बाद प्रशासन की ओर से अब एडीएम की कोर्ट में मुकदमा चलेगा। इसके लिए कंपनी व विक्रेता को नोटिस भी जारी किया जाएगा।